Antarvasna, hindi sex stories: मामा जी से मिले हुए काफी लंबा समय हो चुका था उस दिन मेरी भी छुट्टी थी और मां ने कहा कि रजत बेटा आज तुम्हारे मामा जी को मिल आते हैं। मैंने भी मां से कहा कि ठीक है मां आज हम लोग मामा जी को मिल आते हैं। मामा जी और मामी दोनों ही घर पर थे जब हम लोग उनको मिलने के लिए गए तो हम लोगों को काफी ज्यादा अच्छा लगा। मामा जी के दोनों बेटे विदेश में रहते हैं और वह लोग घर कम हीं आया करते हैं लेकिन मम्मी मामा जी से मिलने के लिए अक्सर चली जाया करती हैं। उनका घर हमारे पड़ोस में ही है इसलिए हम लोग मामा जी को अक्सर मिलने जाते रहते हैं लेकिन मुझे काफी लंबा समय हो गया था मैं मामा जी को नहीं मिल पाया था। जब उस दिन मामा जी से मेरी मुलाकात हुई तो उन्होंने मुझे कहा कि रजत बेटा तुम्हारा ऑफिस कैसा चल रहा है? मैंने उन्हें कहा कि मामा जी सब कुछ ठीक चल रहा है। उस दिन हम लोगों ने उनके घर पर ही डिनर किया क्योंकि पापा भी अपने किसी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए थे इसलिए मां और मैं ही घर पर थे।
हम लोगों ने उस दिन मामा जी के घर पर ही डिनर किया और हम लोग वहां से डिनर करके घर लौटे तो उस दिन मुझे मेरा दोस्त रमेश दिखा। जब रमेश उस दिन मुझे दिखा तो मैंने रमेश को कहा कि रमेश तुम काफी दिनों से दिखाई नहीं दे रहे थे। वह मुझे कहने लगा कि रजत मैं आजकल घर पर नहीं था मैं अपने किसी काम से बाहर गया हुआ था। मैंने रमेश को कहा कि अभी तो मैं घर जा रहा हूं लेकिन तुमसे कुछ दिनों बाद मुलाकात करता हूं। वह कहने लगा कि ठीक है उसके बाद वह वहां से चला गया था और मैं भी घर लौट आया था। अगले दिन मुझे भी अपने ऑफिस के लिए जल्दी ही जाना था इसलिए मैं अगले दिन सुबह जल्दी उठ गया था। मेरी आंख उस दिन जल्दी खुल गई थी और मैं अपनी कॉलोनी के पार्क में चला गया। जब मैं अपनी कॉलोनी के पार्क में गया तो वहां पर मुझे आशा दिखाई दी जो कि हमारी कॉलोनी में ही रहती है और वह मेरी काफी अच्छी दोस्त है। आशा को मैंने देखा तो मैंने उससे कहा कि क्या आजकल तुम हमेशा ही यहां पर जॉगिंग के लिए आती हो तो वह मुझे कहने लगी कि हां मैं तो हर रोज यहां पर आती हूं।
उसने मुझसे पूछा आज तुम सुबह जॉगिंग पर कैसे आ गए तो मैंने उसे बताया कि मेरी आंख आज जल्दी खुल गई थी तो मैंने सोचा कि मैं भी आज पार्क में घूम आता हूं। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो आशा ने मुझे बताया कि उसने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया है और वह आजकल नौकरी की तलाश में है। मैंने आशा से पूछा कि तुमने अपने ऑफिस से क्यों रिजाइन दिया तो उसने मुझे बताया कि उसके पापा की तबीयत ठीक नहीं थी और उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी जिस वजह से उसे ऑफिस से रिजाइन देना पड़ा और अब वह नौकरी की तलाश में है। मैंने आशा को पूछा कि अब तुम्हारे पापा की तबीयत कैसी है तो वह मुझे कहने लगी कि पापा की तबीयत तो अब पहले से बेहतर है। मैंने आशा से कहा कि आशा अभी मैं चलता हूं क्योंकि मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है और फिर मैं घर चला आया था। मैं जल्दी से फ्रेश होकर अपने ऑफिस के लिए निकला और जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन ऑफिस में बहुत ज्यादा ही काम था। मैंने अपना काम खत्म किया और शाम को मैं घर लौट आया था। जब मैं शाम के वक्त घर लौटा तो उस दिन मां ने मुझे कहा कि रजत बेटा तुम्हारे पापा का फोन नहीं लग रहा है तुम उन्हें फोन करना।
मैंने अपने फोन से जब पापा को फोन किया तो उनका नंबर नहीं लग रहा था मैंने मां से कहा कि मां पापा थोड़ी देर बाद ही फोन कर लेंगे शायद हो सकता है कि वह रास्ते में हो। उस रात पापा का फोन आया तो उन्होंने मुझे बताया कि उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था और अभी थोड़ी देर पहले ही उन्होंने फोन चार्ज किया है। पापा ने मुझे कहा कि कल सुबह मैं घर आ जाऊंगा और मैंने मां को इस बारे में बता दिया था। अगले दिन सुबह ही पापा घर आ गए थे मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो उस वक्त पापा घर पहुंच चुके थे। मैं अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था मैं ऑफिस पहुंचा तो उस दिन भी ऑफिस में काफी ज्यादा काम था मुझे ऑफिस से घर लौटने में काफी ज्यादा देर हो गई थी। मुझे उस रात जब आशा का फोन आया तो आशा ने मुझसे कहा कि रजत तुम मेरे लिए अपने ऑफिस में ही नौकरी ढूंढो। मैंने उसे कहा कि ठीक है मैं अपने ऑफिस में बात करता हूं अगर वहां पर वैकेंसी हुई तो मैं तुम्हें इस बारे में जरूर बता दूंगा। आशा कहने लगी कि ठीक है तुम मुझे जरूर इस बारे में बता देना। मैंने जब अपने ऑफिस में इस बारे में बात की तो मुझे पता चला कि हमारे ऑफिस में तो वैकेंसी नहीं है लेकिन मैंने अपने दोस्त से इस बारे में बात की तो उसने अपने ऑफिस में बात की और आशा की जॉब वहां पर लग चुकी थी।
मेरे दोस्त का ऑफिस भी हमारी बिल्डिंग में है, आशा और मैं अब साथ में ही घर लौटा करते थे। आशा कु भी जॉब लग चुकी थी तो वह बहुत ही ज्यादा खुश थी कि उसकी नौकरी लग चुकी है। आशा की नौकरी लग जाने के बाद वह इस बात से बड़ी खुश थी कि उसकी नौकरी लग चुकी है। आशा की जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चलने लगा था और वह काफी खुश भी थी। एक दिन मैं और आशा और मैं साथ मे थे उस दिन घर पर कोई नहीं था और मैंने आशा को कहा आज मेरे साथ घर पर चलो वह मेरी बात मान गई और मेरे साथ घर पर आ गई। हम दोनो ने उस दिन शराब भी आशा कभी कभार शराब पी लिया करती है और वह उस दिन मेरे लिए तडप रही थी। आशा ने मेरे सामने ही अपने कपडे उतार दिए थे मुझे आशा का पूरा नंगा बदन दिखाई दिया और मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाया था। उसके गोरे बदन को देख मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मेरे मन में आशा के साथ सेक्स करने के को लेकर चलने लगा था हम दोनो ही साथ मे बैंठ गए आशा मेरे पास आई और मेरी गोद मे बैठ गई उसकी नंगी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी और मेरा लंड आग उगल रहा था वह तनकर खडा हो गया था। मेरा लंड मेरे पजामे को फाडकर बाहर आने को बेताब था मैं तडप रहा था। मैंने आशा की जांघ पर अपने हाथ को रखा उसकी नंगी जांघ पर हाथ रखकर मैंने उसे गरम कर दिया था मेरा लंड खड़ा होने लगा था।
मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा था मुझे अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मै उसकी जांघ को सहला रहा था और आशा की गर्मी को बढाए जा रहा था। मैं आशा की गर्मी को पूरी तरीके से बढा चुका था आशा पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। उसकी गर्मी इतनी बढ़ चुकी थी वह मेरी बाहों में आ गई। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया। वह मुझे अपने बदन को सौंप चुकी थी मैं उसके होंठों को चूमने लगा था वह गरम होने लगी थी। मैंने उसके होंठो से खून भी निकाल दिया था मैं उसके स्तनो को दबाए जा रहा था उसका बदन की गर्मी बहुत ज्यादा बढ रही थी। हम दोनों एक दूसरे को किस किए जा रहे थे मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरी गर्मी को बढा रही थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढाते चले गए। जब हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी मैंने अपने लंड को अपने पजामे से बाहर निकालकर आशा के सामने किया। वह मेरे लंड को देखकर बोली तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी मैं आशा के साथ सेक्स करूगा लेकिन आशा के बदन के जलवे देख मेरा लंड पानी छोडने लगा था। वह मेरे लंड को चूसने लगी थी और मेरे लंड से पानी भी निकाल चुकी थी। उसने मेरे लंड को मुंह मे ले लिया था और वह मेरे लंड को चूस रही थी।
आशा ने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। आशा बहुत ज्यादा गर्म होती चली गई। मैंने आशा की गुलाबी चूत पर अपनी उंगली को लगाया उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी निकलने लगा था। मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया था। मैंने उसकी चूत को सहलाया तो वह मजे मे आने लगी और मैं भी तडप रहा था। मैंने आशा की चूत पर अपने लंड को लगाया वह तड़पने लगी थी मैं उसकी चूत पर लंड को रगड रहा था। मैंने आशा की योनि में लंड को घुसाया मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर जाते ही वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत से खून निकल आया है। मैंने आशा की चूत की तरफ देखा उसकी चूत से खून निकल रहा था। आशा की चूत से बहुत ही ज्यादा अधिक मात्रा में खून निकलने लगा था मुझे बड़ा मजा आने लगा था जब मैं आशा को चोद रहा था।
उसकी गरम सिसकारियां बढती जा रही थी हम दोनो एक दूसरे के साथ अच्छे से सेक्स कर रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स किया था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा ले रहे थे हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। मै गर्म होता जा रहा था मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी। मैं आशा को बड़ी तेज गति से धक्के मारता जा रहा था। मै आशा को जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उससे मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। आशा की चूत की चिकनाई बढती जा रही थी। मैंने और आशा ने जमकर सेक्स किया हम दोनों को बडा ही मजा आया जिस तरह से हमने साथ में सेक्स लिया था। जब मेरे वीर्य की पिचकारी आशा की चूत मे गिरी तो मुझे मजा आ गया था और आशा को भी मजा आ गया था।